धरती को हिलाने वाले टेक्टोनिक प्लेट्स 250 करोड़ साल पहले बने, सबूत China में मिले : प्रखर रिसर्चर
Tectonic Plates in China: किसी पहेली की तरह आपस में जुड़ी हुई टेक्टोनिक प्लेट्स कितनी पुरानी हैं, इसके सबूत वैज्ञानिकों को चीन से मिले हैं. ये वही प्लेट्स हैं जिनके हिलने, खिंचने, टकराने या एकदूसरे के ऊपर चढ़ने पर भयावह भूकंप आते हैं.
- भविष्य के भूकंपों का अनुमान लग सकेगा
चीन में एक अनोखी चट्टान से ऐसे सबूत मिले हैं जो बताते हैं कि टेक्टोनिक प्लेट्स में सबडक्शन यानी खिंचाव, टकराव, घर्षण कोई 250 से 400 करोड़ साल पहले हुआ था. जो चट्टान मिली है वह 250 करोड़ साल पुरानी एक्लोगाइट (Eclogite) है. यह स्टडी हाल ही में नेशनल एकेडमी ऑफ साइंसेज में प्रकाशित हुई है.
सबसे पहले यह जान लेते हैं कि ये टेक्टोनिक. प्लेट्स होती क्या हैं? पृथ्वी का पतला बाहरी आवरण (Outer Shell) बड़े टुकड़ों से बना होता है, जिसे टेक्टोनिक प्लेट कहते हैं. यह प्लेट ठोस चट्टान का एक विशाल, अनियमित आकार का स्लैब होता है, जो आम तौर पर महाद्वीप और महासागर के स्थलमंडल (Lithosphere) दोनों से बना होता है.
टेक्टोनिक प्लेट्स को लिथोस्फेयरिक प्लेट भी कहते हैं
टेक्टोनिक प्लेट्स को लिथोस्फेयरिक प्लेट भी कहा जाता है. ये प्लेटें पहेलियों की तरह एक साथ फिट होती हैं, लेकिन ये एक जगह पर अटकी नहीं होतीं. ये पृथ्वी के मेंटल (Mantle) पर तैरती रहती हैं. पृथ्वी के क्रस्ट और कोर के बीच की परत को मेंटल कहते हैं.
दूसरा एक्लोगाइट कांगो लोकतांत्रिक गणराज्य में मौजूद
एक्लोगाइट (Eclogite) कम तापमान पर समुद्री क्रस्ट के मेंटल में गहराई से धकेले जाने के बाद बनी. इस अध्ययन के शोधकर्ता और चीन यूनिवर्सिटी ऑफ जियोसाइंसेज के पृथ्वी वैज्ञानिक टिमोथी कुस्की और लू वांग का कहना है कि इस तरह की पृथ्वी पर उच्च दबाव और कम तापमान वाली इन चट्टानों को सबडक्शन जोन कहा जाता है. इस अध्ययन से सबसे पुराने एक्लोगाइट का पता चला है जो एक पुराने पर्वतीय क्षेत्र में पृथ्वी के समुद्री क्रस्ट पर मिला. इस तरह की दूसरी सबसे पुरानी चट्टान 210 करोड़ साल पुरानी हैं, जो कांगो लोकतांत्रिक गणराज्य में स्थित हैं.
धरती के गर्म रखने के लिए ये प्लेट्स होती है अहम
पृथ्वी को गर्म रखने के लिए टेक्टोनिक प्लेट्स काफी अहम होती हैं. पिछले 20 सालों से, रिसर्च टीम ने उत्तरी चीन में करीब 1,600 किलोमीटर तक फैले आर्कियन ईऑन चट्टानों की मैपिंग की है. यह प्राचीन पर्वत श्रृंखला है जिसे ऑरोजेन (Orogen) कहा जाता है. यहां करीब 250 करोड़ साल पहले, दो टेक्टोनिक प्लेटें आपस में टकरा गई थीं.
चीन में मिले हैं इस तरह के सबूत
शोधकर्ताओं का कहना है कि इन चट्टानों से पता चलता है कि टेक्टोनिक प्लेटों के रूप में बनी यह प्राचीन पर्वत श्रंखला आपस में काम करती थी. उदाहरण के लिए, ओपिओलाइट्स (Ophiolites) कहे जाने वाले समुद्री क्रस्ट के टुकड़े टकराव वाले क्षेत्र में फंसे हुए हैं. ये बुरी तरह से टूट चुकी चट्टानों का मिश्रण है जिन्हें मेलेन्जेस (Mélanges) कहा जाता है. ये उस जगह के बारे में बताती हैं जहां प्लेटें टकराई थीं. शोधकर्ताओं की टीम को कुछ बड़ी-बड़ी मुड़ी हुई संरचनाएं भी मिली हैं, जिन्हें नैप्स (Nappes) कहा जाता है.
साइट से मिले एक्लोगाइट्स के लैब एनलिसिस से पता चलता है कि वे लगभग 250 साल पहले समुद्री रिज पर बने थे, जो बाद में समुद्र तल पर आ गए. इसके बाद ये सबडक्शन से मेंटल में पहुंच गए. यह भी पता चलता है कि ये 792 से 890 डिग्री सेल्सियस तापमान और 19.8 और 24.5 किलोबार प्रति स्वायर इंच के उच्च दबाव में रहे थे. शोधकर्ताओं ने बताया कि ये आंकड़ों से पता चलता है कि एक्लोगाइट्स कम से कम 65 किमी गहरे हैं.
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