LIFE ON SATURN MOON TITAN

● Mr. P Xenon Vishwakarma 







    Image : PLAD RESEARCH ERA

    हमारे सौर मंडल में मौजूद है 'दूसरी धरती', वैज्ञानिकों को शनि ग्रह के पास मिले सबूत

    शनि ग्रह के अपने सिस्टम में टाइटन सबसे बड़ा चंद्रमा है. टाइटन में घने वातावरण से आने वाली बारिश से भरी नदियां, झीलें और समुद्र हैं. हालांकि, पृथ्वी से उलट ये झीलें अलग-अलग सामग्रियों से भरी हुई हैं. एक नए शोध से इस चंद्रमा की सतह पर लैंडस्केप होने का पता चलता है.


    वैज्ञानिकों को शनि ग्रह के पास मिले दूसरी धरती के सबूत (फोटो: नासा)वैज्ञानिकों को शनि ग्रह के पास मिले दूसरी धरती के सबूत (फोटो: PLAD RESEARCH )

    • ● टाइटन की सतह पर लैंडस्केप्स मौजूद हैं ।
    • ● भूमध्य रेखा के पास हवाएं बहना आम है ।

    क्या आप जानते हैं शनि ग्रह (Saturn) के 82 चंद्रमा (Moons) हैं. ये पूरा सैटर्नियन सिस्टम (Saturnian System) अपने आप में एक मिनी सोलर सिस्टम (Solar System) है. इन 82 चंद्रमाओं में सबसे दिलचस्प टाइटन (Titan) है, जो पृथ्वी की तरह दिखता है. एक नए शोध से इस चंद्रमा की सतह पर लैंडस्केप होने का पता चलता है. शनि ग्रह के अपने सिस्टम में टाइटन सबसे बड़ा चंद्रमा है. टाइटन में घने वातावरण से आने वाली बारिश से भरी नदियां, झीलें और समुद्र हैं. हालांकि, पृथ्वी से उलट ये झीलें अलग-अलग सामग्रियों से भरी हुई हैं.

    तरल मीथेन की बहती हुई धाराएं टाइटन की बर्फीली सतह को बनाती हैं. नाइट्रोजन हवाओं से हाइड्रोकार्बन रेत के टीले बनते हैं. स्टैनफोर्ड यूनिवर्सिटी (Stanford University) के भूविज्ञानी मैथ्यू लैपोट्रे (Mathieu Lapotre) की टीम ने खुलासा किया  है कि टाइटन के अलग-अलग टीले, मैदान और ऊबड़-खाबड़ इलाके कैसे बने होंगे.

    जियोफिजिकल रिसर्च लेटर्स जर्नल ( Journal Geophysical Research Letters) में प्रकाशित इस शोध से पता चलता है कि मौसम चक्र चंद्रमा की सतह पर दानों की गति को कैसे संचालित करता है.

    टाइटन की सतह पर लैंडस्केप्स मौजूद हैं  (फोटो: Prakhar Laboratory Of Astronomy )


    ■ टाइटन पर टीले कैसे बनते हैं?

    पृथ्वी पर टीले सिलिकेट चट्टानों और खनिजों से बनते हैं. जो समय के साथ तलछट (Sediments) के दानों में बदल जाते हैं. ये हवाओं के ज़रिए सेडिमेंट्स की परतों में जमा होते हैं, जो बाद में दबाव, भूजल और गर्मी से चट्टानों में बदलते हैं. शोधकर्ताओं का कहना है कि टाइटन पर, इसी तरह की प्रक्रिया से टीले, मैदान और उबड़-खाबड़ इलाके बने हैं. लेकिन, पृथ्वी, मंगल और शुक्र से एकदम विपरीत. माना जाता है कि टाइटन के सेडिमेंट्स ठोस ऑर्गैनिक कंपाउंड (Solid Organic Compounds) से मिलकर बने होते हैं. वैज्ञानिक लंबे समय से यह समझने की कोशिश कर रहे हैं कि इसके मूल ऑर्गैनिक कंपाउंड दानों में कैसे बदल सकते हैं, जो अलग-अलग संरचनाएं बनाते हैं.

    इसका जवाब पृथ्वी पर मिलता है

    शोधकर्ताओं की टीम ने पृथ्वी पर सेडिमेंट्स का विश्लेषण किया. इन सेडिमेंट्स को ओइड्स (Ooids) कहा जाता है. यह छोटे, गोलाकार दाने होते हैं जो अक्सर उथले उष्णकटिबंधीय समुद्रों में पाए जाते हैं, जैसे बहामास के आसपास. ये सेडिमेंट तब बनते हैं, जब कैल्सियम कार्बोनेट को पानी के कॉलम से खींचा जाता है और जो दानों के चारों ओर परत बना देते हैं, जैसे क्वार्ट्ज (Quartz)

    PRAKHAR LABORATORY ASTRONOMY

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