SPACE WAR 2022 With Russia And Ukraine

 
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Space War: अंतरिक्ष तक पहुंच सकता है रूस-यूक्रेन युद्ध, इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन पर क्यों मंडरा रहा खतरा?

Curated by | प्रखर विश्वकर्मा | Unitech Aerospace | Updated: May 1 , 2022, 9:36 PM

रूस यूक्रेन युद्ध के अंतरिक्ष तक बढ़ने का खतरा जताया जा रहा है। अमेरिकी सैटेलाइट्स यूक्रेन को अंतरिक्ष से रूसी सेना के हर मूवमेंट की जानकारी दे रही हैं। ऐसे में यूक्रेनी सेना बेहद सटीकता से रूसी सेना को निशाना बना रही है। रूस के स्पेस प्रोग्राम पर अमेरिकी प्रतिबंधों के कारण अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन को भी खतरा पैदा हो गया है।

हाइलाइट्स

  • ● रूस-यूक्रेन युद्ध के अंतरिक्ष तक फैलने का खतरा बढ़ा।
  • ●अमेरिकी सैटेलाइट से रूसी सेना के मूवमेंट पर नजर रखा जा रहा।
  • ●अमेरिकी प्रतिबंधों से अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन को भी हो सकता है खतरा।

मॉस्को: रूस और अमेरिका (Russia US Tension) के बीच अंतरिक्ष में करीब तीन दशकों का घनिष्ठ सहयोग खत्म होता दिख रहा है। अमेरिका समेत पूरे यूरोप ने रूस के ऊपर प्रतिबंधों की बौछार (US Sanctions on Russia) कर दी है। इन प्रतिबंधों की जद में रूस का स्पेस मिशन भी आ गया है। जिसके बाद आशंका जताई जा रही है कि रूस-यूक्रेन युद्ध (Russia Ukraine War) का असर अंतरिक्ष में भी देखने को मिल सकता है। राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन और रूसी अंतरिक्ष एजेंसी रोस्कोस्मोस के डायरेक्टर जनरल दिमित्री रोगोजिन ने अमेरिकी प्रतिबंधों के खिलाफ कड़ी नाराजगी भी जताई है। दिमित्री रोगोजिन ने तो यहां तक धमकी दी थी कि इन प्रतिबंधों के काऱण इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन भारत या चीन के ऊपर कभी भी गिर सकता है। रूस ने पश्चिमी देशों के लिए उपग्रहों को लॉन्च करने से इनकार करने की धमकी भी दी है। रूस के इंजन ही इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन के मूवमेंट पर नियंत्रण रखते हैं।

सैटेलाइट से रूसी सेना के मूवमेंट को किया जा रहा ट्रैक
यूक्रेन पर हमले को लेकर रूसी सेना के हर मूवमेंट को अमेरिका अंतरिक्ष से ट्रैक कर रहा है। कुछ दिनों पहले यूक्रेन में 64 किलोमीटर लंबे रूसी सैन्य काफिले की एक तस्वीर खूब वायरल हुई थी। इसमें रूसी सेना का एक बड़ा काफिला यूक्रेन की तरफ आगे बढ़ता हुआ नजर आया था। रूस को लगता है कि अमेरिका से मिल रहे इन सैटेलाइट तस्वीरों की मदद से यूक्रेनी सेना आसानी से उनके काफिले को निशाना बना रही है। इससे यूक्रेनी सेना को आसानी से पता चल रहा है कि किस इलाके में रूसी सेना की कितनी तादाद मौजूद है।
यूक्रेन को सटीक जानकारी दे रहा अमेरिका
सैटेलाइट इमेजरी की ताकत दुनिया के बहुत कम देशों की सेनाओं के पास है। हालांकि, अब कई कॉमर्शियल कंपनियां भी इस फील्ड में तेजी से आगे बढ़ रही हैं। ऐसे में आशंका जताई जा रही है कि इनकी संयुक्त ताकत रूस से काफी अधिक हो सकती है। ऐसी जानकारी देने का एक लाभ यह भी है कि पश्चिमी देश यूक्रेन में सीधे अपने सैनिक न भेजकर इन तस्वीरों के जरिए सटीक जानकारी दे रही है। इन्हीं तस्वीरों के आधार पर रूसी सेना के खिलाफ यूक्रेन तेजी से जवाबी कार्रवाई कर रहा है।
एलन मस्क कर रहे यूक्रेन की मदद?
हाल में ही स्पेसएक्स के मालिक एलन मस्क ने यूक्रेन को मदद करने का ऐलान किया था। स्पेसएक्स अमेरिका ही नहीं, बल्कि दुनिया की सबसे बड़ी प्राइवेट स्पेस कंपनी है। स्पेसएक्स यूक्रेन को न सिर्फ सैटेलाइट इमेजरी दे सकता है, बल्कि कम्यूनिकेशन में भी सहायता प्रदान कर सकता है। ऐसी भी रिपोर्ट आई थी कि एलन मस्क ने यूक्रेन को अपनी हाई स्पीड सैटेलाइट इंटरनेट सर्विस स्टारलिंक सिस्टम का ऐक्सेस देने का ऑफर दिया था। ऐसे में अगर रूस यूक्रेन में इंटरनेट सर्विस और कम्यूनिकेशन को बंद भी कर देता है, तब भी स्टारलिंक से उसे ये सेवाएं मिलती रहेंगी।
रूस पहले ही दे चुका है चेतावनी
रूसी अंतरिक्ष एजेंसी के डायरेक्टर दिमित्री रोगोजिन ने कहा था कि अगर आप हमारे साथ सहयोग को बाधित करते हैं, तो कौन अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (आईएसएस) को अनियंत्रित होकर कक्षा से बाहर जाने और अमेरिका या यूरोप में गिरने से बचाएगा? उन्होंने कहा कि इस बात की भी आशंका है कि 500 टन का ढांचा भारत या चीन पर गिर जाए। क्या आप उन्हें ऐसे परिदृश्य से खतरे में डालना चाहते हैं? आईएसएस रूस के ऊपर से उड़ान नहीं भरता है, इसलिए सभी जोखिम आपके हैं। क्या आप उनके लिए तैयार हैं?

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